जनजातीय बाहुल्य ग्रामों में अंतिम पात्र व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना आदि कर्मयोगी की जिम्मेवारी: -केंद्रीय मंत्री उईके

 जनजातीय बाहुल्य ग्रामों में अंतिम पात्र व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना आदि कर्मयोगी" की जिम्मेवारी: -केंद्रीय मंत्री उईके




बैतूल।( ताप्ती अमृत)भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय नई दिल्ली के निर्देशानुसार बैतूल जिले के चिन्हित आदिवासी बाहुल्य ग्रामों में योजनाओं के सैचुरेशन, विकास कार्यों की जन-संचालित प्लानिंग एवं स्थानीय समस्याओं के निराकरण के उद्देश्य से "आदि कर्मयोगी" अभियान प्रारंभ किया गया है। अभियान के अंतर्गत ब्लॉक स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स के तीन दिवसीय प्रशिक्षण का उद्घाटन 25 अगस्त को होटल आईसीइन गंज में किया जाएगा। आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय राज्य मंत्री श्री दुर्गादास उईके, मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद उपाध्यक्ष श्री मोहन नागर, श्री सुधाकर पवार सहित कलेक्टर श्री नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी, जिला पंचायत सीईओ श्री अक्षत जैन उपस्थित थे। सर्वप्रथम मुख्य अतिथियों ने धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के छायाचित्र समक्ष दीप प्रज्वलित एवं माल्यार्पण कर प्रशिक्षण का शुभारंभ किया। 

केंद्रीय राज्य मंत्री श्री दुर्गादास उईके ने प्रशिक्षण के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी योजना, नीति या कार्य का वास्तविक उद्देश्य तभी सफल होता है, जब उसका लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे और अंतिम व्यक्ति तक योजना पहुंचे इसकी जिम्मेदारी "आदि कर्मयोगी" के कंधे पर है। इस जिम्मेदारी को आदि कर्मयोगी निस्वार्थ भाव से कर्तव्य को सर्वोपरि मानकर कार्य करें, ताकि वर्ष-2047 तक भारत में कोई भी विकास की दृष्टि से पीछे नहीं रहे। उन्होंने कहा कि समुचित देश में "आदि कर्मयोगी" अभियान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अंतर चेतना से प्रदत्त योजना है। जनजातीय बाहुल्य ग्रामों के लोगों के सर्वांगीण विकास की चिंता कर उनके उत्थान और सशक्त बनाने के लिए "आदि कर्मयोगी" अभियान प्रारंभ किया गया है। इस दौरान उन्होंने "आदि कर्मयोगी" शब्द के महत्व से प्रशिक्षण में मौजूद सभी मास्टर ट्रेनरों, अधिकारी-कर्मचारियों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि आदि कर्मयोगी, आदि सहयोगी और आदि साथी के माध्यम से योजनाओं का क्रियान्वयन अंतिम व्यक्ति तक हो। 


प्रधानमंत्री का सपना वर्ष 2047 तक भारत बने संयुक्त राष्ट्र


इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री श्री उईके ने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे मास्टर ट्रेनरों को मार्गदर्शन देते हुए कहा कि भारत की आजादी में जनजातीय महानायकों का योगदान अहम है। उन्होंने कहा कि सन 1947 में भारत के आजाद होने के बाद जनजातीय लोगों के लिए अनेकों योजनाएं प्रारंभ की गई, लेकिन जनजातीय लोगों के सर्वांगीण विकास में अनेकों बाधाएं आई। इन बाधाओं के निराकरण के लिए प्रधानमंत्री ने धरती आबा ग्राम उत्कर्ष योजना बनाई और 63 हजार ग्रामों को चिन्हित कर 80 हजार करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की। उन्होंने कहा कि पूरे देश में 75 जातियां ऐसी है, जो विलुप्ति की कगार पर है। उन जातियों का प्रतिनिधित्व न ग्राम पंचायत में है न लोकसभा में, ऐसी विलुप्त होती जातियों की चिंता करते हुए विकास की दृष्टि से 112 जिलों को चिन्हित कर प्रधानमंत्री जन-मन योजना के लिए 24 हजार करोड़ की राशि स्वीकृत की गई। उन्होंने कहा कि जनजातीय बाहुल्य ग्रामों में सभी योजनाओं के क्रियान्वयन और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2047 तक भारत के संयुक्त राष्ट्र बनने के सपने को साकार करने में "आदि कर्मयोगी" अभियान एक अच्छी पहल है। संयुक्त राष्ट्र के सपने को साकार करने में आदि कर्मयोगी का अहम योगदान है।


आदि कर्मयोगी अभियान जनजातीय कार्य विभाग का अनूठा कार्यक्रम


मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष श्री मोहन नागर ने कहा कि समाज के अंतिम व्यक्ति के उत्थान के लिए सरकार विभिन्न योजनाएं चला रही है, लेकिन समाज के कई लोग जागरूकता के अभाव में योजनाओं के लाभ से वंचित रह जाते है। "आदि कर्मयोगी" अभियान के माध्यम से आदि कर्मयोगी, आदि सहयोगी और आदि साथी जिले के 554 ग्रामों में पात्र लोगों को लाभान्वित करें। श्री सुधाकर पवार ने कहा कि "आदि कर्मयोगी" अभियान जनजातीय कार्य विभाग का अनूठा कार्यक्रम है। इस अभियान से जिले के आदिवासी बाहुल्य ग्रामों के लोगों को योजनाओं से लाभान्वित करना आदि कर्मयोगी की जिम्मेदारी है। उन्होंने अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने की बात कही। 


जिले के 554 ग्राम में यह अभियान होगा क्रियान्वित


जिला पंचायत सीईओ से अक्षत जैन ने बताया कि आदि कर्मयोगी, आदि सहयोगी तथा आदि साथी के माध्यम से जिले के 554 ग्राम में यह अभियान क्रियान्वित होगा। जिले के विभिन्न विकास संबंधी विभागों के जिला, ब्लॉक एवं पंचायत स्तरीय कर्मचारी आदि कर्मयोगी होंगे। इसी प्रकार ग्रामों के स्थानीय अध्यापक, चिकित्सक एवं युवा आदि सहयोगी कहलाएंगे जिनका चयन ग्रामीणों द्वारा किया जाएगा। इसी प्रकार क्षेत्रीय स्व सहायता समूह की महिलाएं जनजातीय वर्ग के बुजुर्ग एवं वालंटियर का आदि साथी के रूप में चयन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आदि कर्मयोगी अभियान के तहत 15 नवंबर 2025 तक जनजातीय बाहुल्य ग्रामों में योजनाओं का शत प्रतिशत सेचुरेशन, ग्रामीण स्तरीय विजन प्लान-2030 का निर्माण, योजनाओं की जानकारी एवं समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए आदि सेवा केन्द्र की स्थापना एवं इन क्षेत्रों में एक घंटे की साप्ताहिक जनसुनवाई किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि अभियान के क्रियान्वयन के लिए जिला स्तरीय नोडल अधिकारी सीईओ जिला पंचायत होंगे एवं समस्त सीईओ जनपद ब्लॉक स्तरीय नोडल अधिकारी रहेंगे एवं ग्राम पंचायत स्तर पर सचिव को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।


ग्रामों का भ्रमण कर विकास की होगी प्लानिंग तैयार


जनजातीय कार्य विभाग सहायक आयुक्त श्री विवेक पांडे ने बताया कि जिला स्तर पर अभियान के क्रियान्वयन के लिए 7 जिला स्तरीय एवं प्रत्येक विकासखंड में 5 मास्टर ट्रेनर्स का चयन किया गया है। इसके अलावा अभियान में गैर सरकारी संगठन प्रदीपन, अंतरा, धनिष्टा सहित अन्य को शामिल किया है, जो फील्ड पर काम करेंगे। उन्होंने बताया कि जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स द्वारा राज्य स्तर पर आयोजित प्रशिक्षण में प्रशिक्षण प्राप्त किया गया है। उक्त मास्टर ट्रेनरों द्वारा 27 अगस्त तक ब्लॉक स्तरीय मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके बाद ब्लॉक स्तरीय मास्टर ट्रेनर अपने अधीनस्थ को ट्रेनिंग देंगे। प्रशिक्षण के पश्चात दल में शामिल सहयोगी और साथी विभिन्न ग्रामों का भ्रमण कर ग्राम में विकास की प्लानिंग बनाएंगे। उन्होंने बताया कि 15 नवंबर जनजातीय गौरव दिवस तक अभियान में शत प्रतिशत उपलब्धि हासिल की जाएगी। उन्होंने कहा कि अभियान अंतर्गत ट्रेनिंग के उपरांत जिला स्तर पर प्रति सप्ताह अभियान की नियमित समीक्षा की जाएगी।

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