दफ्तरीयों को करंट चार्ज के आदेश जारी करने के लिए प्रबंध संचालक को लिखा पत्र
सारनी। (ताप्ती अमृत)विद्युत मंडल कर्म यूनियन मध्यप्रदेश शाखा सारनी द्वारा कार्यालयीन कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करने के लिए एक ज्ञापन दिसम्बर 24 में मुख्य अभियन्ता को सौंपा गया था। वर्तमान में सतपुड़ा ताप विद्युत विद्युत गृह से प्रति माह सभी केडर के कार्मिकों की सेवानिवृत्ती पूरे कंपनी में अधिक हो रही है। इसके साथ ही कार्यालयीन कर्मचारियों की भी लगातार कमी हो रही है ,जिससे कार्यालयीन कार्य तो प्रभावित होते ही हैं, और जो कार्मिक कार्यरत है उन पर कार्य का दबाव बना रहता है। सतपुड़ा संकुल की ऐसी स्थिति है कि कुछ कार्यालयों में अनुभाग अधिकारी , स्टेनो, कार्यालय सहायक श्रेणी एक/ दो भी नही है। दफ़्तरी कार्यालय का संपूर्ण कार्य संपादित कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि अधीक्षण अभियंता प्रवर्तन क्रमांक चार में लेखापाल और अनुभाग अधिकारी भी नही है। यह 2×250 मेगावाट ईकाई का कार्यलय है। विद्युत परीक्षण और उपकरण चार में कोई कार्यालय सहायक नहीं है। तकनीकी कर्मचारी कार्यालय में काम कर रहे हैं। साथ ही उन्हें ओवर टाइम भी दिया जाता है। कार्यालयों का संचालन किस प्रकार हो रहा है , प्रशासन ही जाने। सेवानिवृत्ती के कारण पेंशन प्रकरण समय पर तैयार करना महत्वपूर्ण कार्य है। आकस्मिक निधन पर भी आश्रित परिवार को भुगतान समय पर करना होता है। सभी केडर में चालू प्रभार के आदेश किए गए हैं , लेकिन दफ्तरी केडर में चालू प्रभार देने में प्रशासन क्यों भेदभाव पूर्ण नीती अपना रहा है। संयुक्त निदेशक वित्त एवं लेखा सारनी के कार्यालय में कार्यरत दफ्तरी मातृ शक्ति होने के बाद भी अपनी क्षमतानुसार लगभग 2700 से अधिक पेंशनर्स का लेखा जोखा अपडेट रख रही हैं , दूसरी ओर प्रत्येक माह में सेवानिवृत्ती के कारण पेंशनर्स की संख्या में भी वृद्धी हो रही है। संयुक्त निदेशक वित्त एवं लेखा कार्यालय में नियमित कार्मिकों की अपेक्षा ठेका श्रमिक अधिक है।विद्युत मंडल कर्म यूनियन के क्षेत्रीय महामंत्री अंबादास सूने ने बताया कि अधीक्षण अभियंता प्रवर्तन दो/तीन में भी किशोर कुशवाह दफ़्तरी द्वारा कार्यालय के संपूर्ण कार्य के साथ साथ पेंशन प्रकरण ,आकस्मिक निधन के प्रकरण बना रहें हैं। इसके बाद भी प्रशासन चतुर्थ श्रेणी के कर्मियों के साथ प्रबंधन दोहरी नीती अपना रहा है। यूनियन की माँग है कि सभी दफ़्तरियों को चालू प्रभार के आदेश शीघ्र दिए जाए, इसके कारण कंपनी पर कोई वित्तीय भार भी नहीं आयेगा। इस पत्र की कापी प्रदेश के ऊर्जा विभाग को भी दी गई है। इस संबंध में यूनियन के प्रांतीय महामंत्री सुशील शर्मा ने भी जबलपुर पत्र लिखा है।शीघ्र ही यूनियन कंपनी स्तर पर दफ़्तरियों को एक प्लेटफार्म पर संगठित करेगी।

