आपकी अदालत में कटघरे में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, पूर्व कुलपति डॉ. के.जी. सुरेश सर निभाएंगे जज की भूमिका
- देशभर की निगाहें मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री की पेशी पर टिकीं
- इंडिया टीवी पर शनिवार रात 10 बजे से प्रसारित होगा विशेष एपिसोड
- पूर्व कुलपति डॉ. के.जी. सुरेश सुनाएंगे निर्णय, रजत शर्मा होंगे होस्ट
- जनता जानना चाहती है– आरोप क्या, जवाब क्या?
नई दिल्ली।आपकी अदालत में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पेशी, देशभर में बनी उत्सुकता"
देश के सबसे चर्चित और लोकप्रिय टेलीविजन कार्यक्रम ‘आपकी अदालत’ में इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कटघरे में होंगे। शनिवार रात ठीक 10 बजे टेलीकास्ट होने वाले इस शो में देशभर की निगाहें टीवी स्क्रीन पर टिकी होंगी। खास बात यह होगी कि कार्यक्रम में जज की अहम भूमिका निभाएंगे माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय (एमसीयू) के पूर्व कुलपति और इंडिया हैबिटैट सेंटर के निदेशक प्रो. डॉ. के.जी. सुरेश। बता दें कि प्रो. डॉ. के.जी. सुरेश मुख्यमंत्री मोहन यादव के कार्यकाल में एमसीयू भोपाल में कुलपति रह चुके हैं ऐसे में अपने पूर्व बॉस पर लगे आरोपों पर क्या निर्णय देते हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने मुस्कराते अंदाज विपक्ष द्वारा लगाए गए सभी आरोपों के जवाब देंगे वहीं प्रो. डॉ. के.जी. सुरेश भी अपने मुस्कराते अंदाज में उन पर लगे आरोप पर निर्णय सुनायाएंगे। इससे पहले आपकी अदालत कार्यक्रम में फिल्म अभिनेता गोविंदा और कल्की महराज प्रमोद कृष्णन के कार्यक्रम में जज की भूमिका निभा चुके हैं।
‘आपकी अदालत’ दशकों से भारतीय टेलीविजन दर्शकों की पहली पसंद रहा है। यहां नेताओं से लेकर फिल्मी सितारों तक और कई चर्चित हस्तियों को कटघरे में खड़ा किया जाता रहा है। सवाल सीधे होते हैं, जवाब भी उसी अंदाज में देने पड़ते हैं। यही वजह है कि कार्यक्रम को लेकर हमेशा खास किस्म की जिज्ञासा बनी रहती है। और इस बार जब मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कटघरे में होंगे, तो जनता की दिलचस्पी और ज्यादा बढ़ना लाजमी है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपने राजनीतिक सफर में पहली बार इस मुकाम पर पहुंचे हैं जहां उन पर शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और विकास जैसे मुद्दों पर गंभीर सवाल दागे जाने हैं। प्रदेश के भीतर और बाहर लगातार उठने वाले सवालों और आरोपों को लेकर अब वे सीधे देश की जनता के सामने जवाब देंगे। उनका यह संवाद न केवल मध्यप्रदेश बल्कि पूरे देश की राजनीतिक चर्चा का केंद्र बनेगा।
कार्यक्रम में कटघरे की दूसरी तरफ बैठेंगे जज के तौर पर प्रो. डॉ. के.जी. सुरेश। पत्रकारिता जगत की इस जानी-मानी शख्सियत ने माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति रहते हुए कई नवाचार किए। बिसनखेड़ी और रीवा स्थित परिसरों का कार्य पूरा कराकर उन्हें शिफ्ट कराया और उद्घाटन भी तत्तकालीन उपराष्ट्रपति और मुख्यमंत्री से कराया। आईआईएमसी के महानिदेशक रहते हुए भी उन्होंने कई सुधार किए थे। पत्रकारिता, संचार और शिक्षा जगत का यह अनुभव उन्हें ‘आपकी अदालत’ जैसे मंच पर और भी महत्वपूर्ण बनाता है।
कार्यक्रम के संचालन की जिम्मेदारी हमेशा की तरह रहेंगे इंडिया टीवी के चेयरमैन और पद्मभूषण पत्रकार रजत शर्मा। अपनी तेज-तर्रार, मगर संयमित शैली के लिए पहचाने जाने वाले रजत शर्मा और उनकी अदालत की विशेष पहचान यह है कि यहां पूछे गए सवाल टालना आसान नहीं होता। यही कारण है कि जनता की निगाहें इस बार पूरी तरह इस बात पर टिकी हैं कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पर किन-किन मुद्दों पर सवाल उठेंगे और वे उनका सामना किस तरह करेंगे।
इस बार ‘आपकी अदालत’ का प्रसारण केवल मध्यप्रदेश ही नहीं, देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। राजनीतिक विश्लेषकों से लेकर आम दर्शक तक, सब यह जानना चाहते हैं कि आरोप कौन से होंगे, मुख्यमंत्री का पक्ष क्या होगा और जज की टिप्पणी किस अंदाज़ में सामने आएगी।
कटघरे में आरोपों का मुकाबला
कार्यक्रम की सबसे रोमांचक घड़ी तब होगी जब मुख्यमंत्री पर सीधे सवाल दागे जाएंगे। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि डॉ. मोहन यादव अपनी पहचान एक साफ-सुथरी छवि वाले, पढ़े-लिखे और सीधे-सादे नेता के रूप में बनाना चाहते हैं। इसलिए वे मध्यम लहज़े में लेकिन मजबूती से अपनी बात रखेंगे।
उनका प्रयास रहेगा कि विपक्ष के आरोपों को मात्र “राजनीतिक बयानबाजी” साबित करें और खुद को जनहित में काम करने वाला नेता बताएं।
"जज की कुर्सी पर मीडिया जगत का बड़ा नाम – पूर्व कुलपति प्रो. डॉ. के.जी. सुरेश"
- पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति रहते हुए किए कई नवाचार
- दूरदर्शन, पीटीआई और आईआईएमसी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से जुड़ा लंबा अनुभव
- शैक्षिक सुधारों और मीडिया शोध में खास पहचान
- निष्पक्ष और निर्णायक दृष्टिकोण से करेंगे अदालत की सुनवाई
- ‘आपकी अदालत’ के इस एपिसोड को विश्वसनीयता का नया आयाम
आपकी अदालत’ में इस बार जज की कुर्सी संभालने वाले हैं मीडिया और शिक्षा जगत की प्रमुख शख्सियत प्रो. डॉ. के.जी. सुरेश। यह नाम देशभर के पत्रकार, छात्र और संचार जगत से जुड़े लोग अच्छी तरह जानते हैं। उनकी मौजूदगी इस एपिसोड को न केवल प्रतिष्ठित बल्कि विश्वसनीय भी बनाती है, क्योंकि वे लम्बे समय से पत्रकारिता और शिक्षा क्षेत्र में अपनी संतुलित और निष्पक्ष सोच के लिए जाने जाते हैं।
माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विवि के कुलपति के रूप में योगदान-
प्रो. डॉ. सुरेश का सबसे उल्लेखनीय कार्यकाल रहा है माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय (भोपाल) में कुलपति के रूप में।
उनके नेतृत्व में बिसनखेड़ी परिसर और रीवा परिसर को पूरा कराकर वहाँ शिक्षण कार्य शुरू कराया गया।
विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम को समकालीन पत्रकारिता की ज़रूरतों से जोड़ने का काम किया गया।
पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में नए पाठ्यक्रम शुरू किए गए।
उन्होंने छात्रों में नवाचार, शोध और व्यावसायिक प्रशिक्षण की संस्कृति को मज़बूत किया।
पत्रकारिता की पुख्ता पृष्ठभूमि-
प्रो. डॉ. के.जी. सुरेश का करियर मीडिया की मुख्यधारा में शुरू हुआ।
प्रतिष्ठित समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) में वे मुख्य राजनीतिक संवाददाता रहे। इस दौरान उन्होंने बड़े राजनीतिक घटनाक्रम कवर किए।
दूरदर्शन में सलाहकार संपादक की भूमिका में रहते हुए उन्होंने राष्ट्रीय मीडिया पर अपनी छाप छोड़ी।
इसके बाद वे भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC, नई दिल्ली) के महानिदेशक बने। अपने कार्यकाल में उन्होंने पत्रकारिता शिक्षा को व्यवहारिक बनाते हुए नए प्रयोग किए।
संस्थान निर्माता और शोध का दृष्टिकोण
उनके कार्यकाल में संचार शिक्षा को केवल किताबों की दुनिया तक सीमित न रखकर मैदान और प्रयोगशाला आधारित प्रशिक्षण पर ज़ोर दिया गया।
उन्होंने मीडिया शोध, क्षेत्रीय पत्रकारिता और भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने का कार्य किया।
अध्यापन और प्रशासन दोनों में संतुलन साधने की उनकी क्षमता उन्हें औरों से अलग करती है।
निर्णायक और निष्पक्ष छवि
‘आपकी अदालत’ में जज की सबसे बड़ी कसौटी होती है निष्पक्षता। यही वह गुण है जिसके कारण डॉ. के.जी. सुरेश इस मंच के लिए आदर्श माने जा रहे हैं।
वे न तो सियासत के अत्यधिक समीप हैं और न ही किसी संगठन विशेष के पक्षधर।
उनका अनुभव बताता है कि वे बहस, तर्क और तथ्यों को महत्व देते हैं।
इसलिए मुख्यमंत्री पर लगे आरोप और उनके जवाब सुनने के बाद वे अपने निर्णायक शब्दों से कार्यक्रम को नई दिशा देंगे।
मीडिया और विद्यार्थियों के बीच लोकप्रियता
डॉ. सुरेश न केवल प्रशासनिक शख्सियत हैं बल्कि विद्यार्थी और पत्रकारिता जगत के बीच शिक्षक और मार्गदर्शक के रूप में भी सम्मान पाते हैं। यही कारण है कि उनकी मौजूदगी इस कार्यक्रम को शैक्षिक और पत्रकारिता जगत दोनों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रही है।
जब मुख्यमंत्री कटघरे में होंगे और उन पर सवालों की बौछार होगी, तब सबकी निगाहें केवल उनके जवाबों पर नहीं बल्कि डॉ. के.जी. सुरेश के फैसले और टिप्पणी पर भी होंगी। मीडिया और शिक्षा के क्षेत्र से आई ऐसी निष्पक्ष और अनुभवी शख्सियत अदालत के माहौल को और गंभीरता व विश्वसनीयता प्रदान करेगी।